2025 बिहार चुनाव में 14 लाख नए वोटर बनेंगे किंगमेकर! 36 सीटों पर पलट सकते हैं खेल,

2025 बिहार चुनाव में 14 लाख नए वोटर बनेंगे किंगमेकर! 36 सीटों पर पलट सकते हैं खेल,

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 14.01 लाख नए युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने जा रहे हैं। औसतन हर विधानसभा सीट पर करीब 5,765 नए वोटर होंगे, जो सीधे-सीधे चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं, खासकर उन सीटों पर जहां पिछली बार बेहद कम अंतर से जीत-हार तय हुई थी।

राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 36 सीटें ऐसी थीं जहां जीत का अंतर 3,000 वोटों से भी कम रहा था। इनमें से 17 सीटें महागठबंधन, 19 सीटें एनडीए, और 1 सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी। यानी इन सीटों पर नए वोटरों की संख्या जीत-हार का समीकरण पूरी तरह बदल सकती है।


किन सीटों पर सबसे ज्यादा असर?

महागठबंधन को कम मार्जिन से मिली 17 सीटें:
सिमरी बख्तियारपुर, सुगौली, सिकटा, कल्याणपुर, बाजपट्टी, किशनगंज, बखरी, खगड़िया, राजापाकर, डेहरी, औरंगाबाद, अलौली, महाराजगंज, सीवान, दरभंगा ग्रामीण, रामगढ़ और कुढ़नी।

एनडीए को कम अंतर से मिली 19 सीटें:
परिहार, रानीगंज, प्राणपुर, अलीनगर, बहादुरपुर, सकरा, भोरे, हाजीपुर, बछवाड़ा, परबत्ता, मुंगेर, बरबीघा, आरा, टिकारी, झाझा, हिलसा, चकाई (अब एनडीए के पास), मटिहानी (अब जदयू के पास)।


क्यों खास हैं नए वोटर?

बिहार की राजनीति में अब मुकाबला एकतरफा नहीं रहा। गठबंधन दर गठबंधन बदलते समीकरणों के बीच नए वोटर एक निर्णायक फैक्टर बनकर उभरे हैं। ये मतदाता न सिर्फ संख्या में भारी हैं, बल्कि उनकी सोच और प्राथमिकताएं भी पारंपरिक जातीय समीकरणों से अलग हो सकती हैं।


किसके पक्ष में होंगे नए वोट?

  • युवा वोटरों का रुझान रोजगार, शिक्षा, डिजिटल कनेक्टिविटी और विकास के वादों की तरफ ज्यादा होता है।
  • सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रभाव में रहने वाले ये वोटर पारंपरिक राजनीति से हटकर नए चेहरों और एजेंडे की ओर झुक सकते हैं।
  • इनका रुझान किस तरफ होगा, ये इस बात पर भी निर्भर करेगा कि कौन सा दल युवाओं को बेहतर तरीके से जोड़ता है।

नतीजों की चाबी नए वोटरों के हाथ?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के बिहार चुनाव में 5,000 से ज्यादा नए वोटर प्रति सीट का आंकड़ा 36 हॉट सीटों पर बाजी पलट सकता है। ऐसे में हर राजनीतिक दल की नजर इन नए वोटरों को लुभाने पर टिकी होगी।


निष्कर्ष:

2025 का चुनाव सिर्फ गठबंधनों का नहीं, बल्कि नए वोटरों की पसंद का भी चुनाव होगा। ये युवा मतदाता कई सीटों पर किंगमेकर साबित हो सकते हैं और राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदल सकते हैं। ऐसे में आने वाले महीनों में सभी दलों की रणनीति का केंद्र यही नया वोट बैंक होगा।

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