वॉशिंगटन | 1 अक्टूबर 2025
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित बयान देकर भारत और पाकिस्तान के बीच भूतपूर्व सैन्य तनाव को लेकर नया दावा पेश किया है। ट्रंप का कहना है कि उनके हस्तक्षेप से दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच “एक बहुत बड़ा युद्ध” टल गया था।
क्वैंटिको में अमेरिकी मिलिट्री लीडर्स के सामने भाषण देते हुए ट्रंप ने कहा, “भारत और पाकिस्तान भिड़ गए थे। मैंने दोनों को फोन किया और कहा, अगर तुम युद्ध करते हो तो अमेरिका तुम्हारे साथ व्यापार नहीं करेगा।”
ट्रंप का दावा: ‘मैंने युद्ध रोका, व्यापार को हथियार बनाया’
ट्रंप ने कहा कि उस वक्त हालात इतने गंभीर थे कि “युद्ध शुरू हो चुका था”, और उन्होंने सात विमान गिरने की बात भी कही, हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि वे विमान किस देश के थे।
“बहुत खराब माहौल था। चार दिन तक युद्ध जैसी स्थिति बनी रही। लेकिन मैंने कहा – अगर तुम ऐसा करते हो तो अमेरिका से कोई व्यापार नहीं होगा। और फिर युद्ध रुक गया। यह एक शानदार काम था,” ट्रंप ने दावा किया।
ट्रंप की पाकिस्तान सेना प्रमुख से मुलाकात
ट्रंप ने हाल ही में व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से मुलाकात की थी। उन्होंने मुनीर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने “लाखों जानें बचाने” के लिए ट्रंप का धन्यवाद किया।
“वो (मुनीर) एक बहुत ही अहम व्यक्ति हैं। उन्होंने मुझसे मुलाक़ात की और कहा – आपने जो किया, उससे लाखों जानें बचीं,” ट्रंप ने कहा।
भारत का रुख: ‘तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं’
भारत सरकार ने पूर्व में स्पष्ट किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी सैन्य तनाव को शांत करने में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी। सरकार का कहना है कि पहलगाम हमले के बाद जो तनाव पैदा हुआ था, वह आपसी बातचीत और सैन्य संयम से समाप्त हुआ।
भारत की सेना ने मई 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तीन दिन तक संघर्ष जैसी स्थिति रही।
पाकिस्तान का बयान: ‘ट्रंप की मध्यस्थता से तनाव कम हुआ’
वहीं पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया कि ट्रंप की मध्यस्थता से ही यह तनाव खत्म हुआ। इस दावे ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बयानबाज़ी को हवा दी थी।
ग़ज़ा संघर्ष के संदर्भ में भी भारत-पाक का ज़िक्र
अपने भाषण में ट्रंप ने ग़ज़ा में इसराइल और हमास के बीच अमेरिकी शांति योजना का हवाला देते हुए भी भारत-पाक विवाद का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि हमास को यह योजना माननी होगी, और यही रणनीति उन्होंने भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में भी अपनाई।
विश्लेषण: ट्रंप की राजनीति या कूटनीति?
डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब वे 2024 में दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार रहे हैं और उनकी विदेश नीति को लेकर चर्चा लगातार जारी है। सवाल यह भी है कि क्या ट्रंप इस तरह के दावों से अपने नेतृत्व को एक वैश्विक शांति निर्माता के रूप में पेश करना चाह रहे हैं, या यह एक राजनीतिक रणनीति भर है?
भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या वाकई व्यापार के ज़रिए परमाणु युद्ध जैसी स्थिति रोकी जा सकती थी – या यह ट्रंप की एक और ‘बोल्ड’ लेकिन संदिग्ध घोषणा है।
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