64 वर्षीय ताकाइची ने पूर्व पीएम के बेटे को हराया, 15 अक्टूबर को संसद में होगा मतदान
टोक्यो, 5 अक्टूबर 2025:
जापान इतिहास रचाने के करीब है। देश की सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने साने ताकाइची को अपना नया नेता चुन लिया है, जिससे उनके जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की संभावना बेहद प्रबल हो गई है।
शनिवार को हुए दूसरे दौर के मतदान में 64 वर्षीय ताकाइची ने पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी के बेटे शिंजिरो कोइजुमी को हराया। पहले चरण के मतदान में पांचों उम्मीदवारों में से किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका था, जिसके बाद दो शीर्ष उम्मीदवारों के बीच निर्णायक मुकाबला हुआ।
संसद में 15 अक्टूबर को होगा प्रधानमंत्री पद के लिए मतदान
अब सभी की नजरें 15 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब जापानी संसद में अगले प्रधानमंत्री के चयन के लिए मतदान होगा। चूंकि एलडीपी संसद में सबसे बड़ी पार्टी है, ऐसे में ताकाइची का अगला प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। वे प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की जगह लेंगी।
हालांकि, हालिया चुनावों में एलडीपी के नेतृत्व वाला गठबंधन संसद के दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत हासिल करने में असफल रहा है, जिसके कारण ताकाइची को शासन चलाने के लिए विपक्षी दलों का समर्थन जुटाना पड़ सकता है।
कौन हैं साने ताकाइची?
साने ताकाइची जापान की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। वे पहले आर्थिक सुरक्षा मंत्री रह चुकी हैं और LDP के दक्षिणपंथी धड़े से जुड़ी मानी जाती हैं। उनका झुकाव पारंपरिक मूल्यों और राष्ट्रवादी नीतियों की ओर रहा है।
उनके नेतृत्व में पार्टी को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, खासकर तब, जब पार्टी को आंतरिक मतभेदों और घटते जन समर्थन का सामना करना पड़ रहा है।
सामने होंगी कई बड़ी चुनौतियां
यदि ताकाइची प्रधानमंत्री बनती हैं, तो उनके सामने कई गंभीर और जटिल चुनौतियां होंगी:
- एलडीपी को एकजुट रखना: पार्टी में मतभेद और नेतृत्व को लेकर असंतोष सामने आ चुका है।
- बढ़ती उम्र की आबादी: जापान दुनिया की सबसे बुजुर्ग होती जनसंख्या में शामिल है, जिससे सामाजिक और आर्थिक दबाव बढ़ा है।
- आर्थिक संकट: वैश्विक मंदी और घरेलू उत्पादन में गिरावट के बीच अर्थव्यवस्था को संभालना एक कठिन कार्य होगा।
- आव्रजन नीति: जनसंख्या गिरावट से निपटने के लिए आव्रजन पर बहस तेज है, लेकिन समाज में इसे लेकर बेचैनी भी है।
- भूराजनीतिक तनाव: चीन और उत्तर कोरिया के साथ बढ़ते तनाव के बीच जापान की विदेश नीति और रक्षा रणनीति अहम होंगी।
कोइजुमी ने मांगा था ‘बड़ा बदलाव’
दूसरे नंबर पर रहे उम्मीदवार शिंजिरो कोइजुमी ने प्रचार के दौरान एलडीपी की स्थिति को “संकटग्रस्त” बताया था। उन्होंने कहा था, “हमें जनता का विश्वास दोबारा जीतने और एक नई शुरुआत के लिए बड़ा बदलाव लाने की जरूरत है।”
निष्कर्ष
साने ताकाइची के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति में जापान इतिहास रच देगा, क्योंकि यह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में एक नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत होगी। हालांकि, यह यात्रा चुनौतियों से भरी होगी — पार्टी में एकता बनाए रखना, अर्थव्यवस्था को गति देना और बदलते वैश्विक समीकरणों में जापान की भूमिका को मजबूती से स्थापित करना, उनके सामने सबसे बड़ी कसौटी साबित होगी।
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