माँ दुर्गा नवमी: श्रद्धालुओं ने आस्था और भक्ति के साथ मनाया विशेष पर्व

माँ दुर्गा नवमी: श्रद्धालुओं ने आस्था और भक्ति के साथ मनाया विशेष पर्व

देशभर में नवरात्रि के नौवें दिन यानी माँ दुर्गा नवमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन को विशेष रूप से अष्टमी और नवमी के पूजन के बाद विजयादशमी की पूर्व संध्या माना जाता है। श्रद्धालु माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना कर उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

पूजा विधि और आयोजन:

नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर और मंदिरों की सफाई की जाती है।

पूजा के लिए विशेष साफा और लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

घर में या मंदिर में माँ दुर्गा की प्रतिमा के सामने कलश स्थापना कर उसका पूजन किया जाता है।

नवमी पर विशेष रूप से अष्टमी व्रत और सिंदूर या सिंदूरों का पूजन किया जाता है।

भक्त माँ दुर्गा के नौ दिनों के मंत्र और श्लोक का पाठ करके उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

इस अवसर पर कई स्थानों पर रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।

विशेष आस्था:
नवमी के दिन की पूजा को विशेष महत्व इसलिए दिया जाता है क्योंकि इस दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर वध कर असुरों पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए इसे वीरता और शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है। लोग इस दिन अपने घरों और कार्यालयों में मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना कर उनकी आराधना करते हैं।

भक्तिमय माहौल:
पूरे देश में मंदिरों और घरों में भक्तों की भीड़ रही। हर कोई माता दुर्गा के नौ रूपों का आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ा। विशेषकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र के प्रमुख मंदिरों में नवमी के दिन सुबह से शाम तक पूजा और आरती का आयोजन हुआ।

आखिर में:
माँ दुर्गा नवमी का पर्व न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक भी है। भक्तों ने मां दुर्गा से स्वास्थ्य, समृद्धि और जीवन में विजय प्राप्ति की कामना की।


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