श्मिरथी की चौपाइयों में छिपा सियासी संदेश, चिराग के बाद अब मांझी भी सीटों को लेकर अड़े
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए में घमासान तेज होता जा रहा है। सीट शेयरिंग पर पहले से ही तनातनी के हालात थे, चिराग पासवान की 25 सीटों की डिमांड ने तनाव बढ़ाया, और अब जीतन राम मांझी ने अपने ताजा बयान से गठबंधन को सीधा कुरुक्षेत्र बना डाला है।
8 अक्टूबर को मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रश्मिरथी से एक अंश साझा करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से एनडीए को बड़ा संदेश दे डाला:
“हो न्याय अगर तो आधा दो,
यदि उसमें भी कोई बाधा हो,
तो दे दो केवल 15 ग्राम,
रखो अपनी धरती तमाम,
HAM वहीं खुशी से खाएंगे,
परिजन पर असी ना उठाएंगे।”
इस श्लोक की आड़ में मांझी ने यह जताने की कोशिश की है कि अगर गठबंधन में न्याय नहीं मिला, तो कम में भी समझौता करेंगे, मगर अपमान नहीं सहेंगे।
अब सवाल उठता है—क्या मांझी 15 सीटों का संकेत दे रहे हैं? या फिर यह ‘अंतिम चेतावनी’ है कि अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं तो “असी” यानी सियासी हथियार उठाना तय है?
इस पूरे घटनाक्रम के बीच बीजेपी और जेडीयू की टॉप लीडरशिप शायद सोच रही होगी — “एक को मनाओ तो दूसरा बगावत कर देता है, करें तो क्या करें?” बिहार की राजनीति का ये वही दौर है जब गठबंधन के साथी बारात के ‘फूफा जी’ बनते देर नहीं लगाते।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनडीए इस अंदरूनी महाभारत से पार पाएगा या फिर कोई नया धृतराष्ट्र बनने को तैयार है।
Views: 60