महाभारत भारत का सबसे बड़ा महाकाव्य है, जिसे महर्षि व्यास ने रचा। यह सिर्फ एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि धर्म, नीति, राजनीति, परिवार, कर्तव्य, और मोक्ष जैसे गहरे विषयों का अद्भुत संगम है। इसमें कुल लगभग 1 लाख श्लोक हैं और इसे “पंचम वेद” भी कहा जाता है।
मुख्य पात्र:
- कौरव: धृतराष्ट्र और गांधारी के 100 पुत्र, जिनमें सबसे बड़ा दुर्योधन था।
- पांडव: पांडु और कुंती/माद्री के 5 पुत्र — युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव।
- कृष्ण: विष्णु के अवतार, अर्जुन के सारथी और मार्गदर्शक।
- द्रौपदी: पांडवों की पत्नी, जिनका चीरहरण महाभारत युद्ध का मुख्य कारण बना।
कहानी का सारांश:
1. जन्म और बचपन
- कुरु वंश के राजा शांतनु के पुत्र भीष्म ने प्रतिज्ञा की कि वह कभी शादी नहीं करेंगे।
- भीष्म के त्याग से प्रभावित होकर, शांतनु ने सत्यवती से विवाह किया, जिनके पुत्र व्यास और विचित्रवीर्य हुए।
- विचित्रवीर्य की मृत्यु के बाद, व्यास ने नियोग से धृतराष्ट्र, पांडु, और विदुर को जन्म दिया।
2. पांडवों और कौरवों की प्रतिद्वंद्विता
- धृतराष्ट्र अंधे थे, इसलिए पांडु को राजा बनाया गया।
- पांडु के 5 पुत्र (पांडव) और धृतराष्ट्र के 100 पुत्र (कौरव) साथ में बड़े हुए।
- दुर्योधन को पांडवों से ईर्ष्या थी, खासकर अर्जुन से।
3. लाक्षागृह और वनवास
- दुर्योधन ने पांडवों को जलाने की साजिश रची (लाक्षागृह) लेकिन वे बच निकले।
- जंगल में रहते हुए अर्जुन ने द्रौपदी से विवाह किया, जो बाद में पाँचों की पत्नी बनीं।
4. राज्यविभाजन और जुए का खेल
- धृतराष्ट्र ने राज्य का बंटवारा कर पांडवों को इंद्रप्रस्थ दिया।
- पांडवों ने युधिष्ठिर के नेतृत्व में एक महान सभा (राजसूय यज्ञ) की।
- कौरवों ने छल से युधिष्ठिर को जुए में हराया।
- पांडवों को 13 साल का वनवास और 1 साल अज्ञातवास भुगतना पड़ा।
5. महाभारत युद्ध (कुरुक्षेत्र युद्ध)
- शांति से समझौता न होने पर युद्ध हुआ।
- भगवद गीता का ज्ञान कृष्ण ने युद्धभूमि में अर्जुन को दिया।
- 18 दिनों तक चले इस युद्ध में कौरवों की पूरी सेना मारी गई।
- भीष्म, द्रोणाचार्य, कर्ण, और दुर्योधन — सभी वीरों की मृत्यु हुई।
- अंत में पांडव विजयी हुए।
6. युद्ध के बाद
- युधिष्ठिर राजा बने।
- बाद में पांडवों ने सत्ता त्याग दी और स्वर्गारोहण की ओर चले गए।
- सिर्फ युधिष्ठिर ही जीवित स्वर्ग पहुँचे।
- बाकी पांडव रास्ते में गिरते गए — जो उनके दोषों का प्रतीक था।
महाभारत का संदेश
- धर्म का पालन कठिन है, लेकिन अंत में वही विजय दिलाता है।
- अहंकार, लोभ और अधर्म का अंत निश्चित है।
- भगवद गीता महाभारत का ही हिस्सा है, जिसमें श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन का सत्य और कर्मयोग का ज्ञान दिया।
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