नवरात्रि का पंचम दिन: मां स्कंदमाता की आराधना में डूबे श्रद्धालु, मंदिरों में गूंजे जयकारे

नवरात्रि का पंचम दिन: मां स्कंदमाता की आराधना में डूबे श्रद्धालु, मंदिरों में गूंजे जयकारे

नवरात्रि का पर्व भक्तिभाव और उल्लास के साथ पूरे देश में मनाया जा रहा है। आज इस पावन अवसर का पांचवां दिन है, जिसे मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना के लिए समर्पित किया गया है। मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं और उन्हें शक्ति, मातृत्व और ज्ञान की देवी माना जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, पंचम दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने से भक्त को बुद्धि, विवेक और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह दिन साधक के जीवन से नकारात्मकता को दूर कर उसे नई दिशा प्रदान करता है। मां स्कंदमाता को कमल के फूल पर विराजमान दिखाया गया है, उनकी चार भुजाएं हैं और गोद में बाल स्कंद विराजमान रहते हैं। उनका यह स्वरूप प्रेम, करुणा और मातृत्व का प्रतीक माना जाता है।

आज सुबह से ही मंदिरों और दुर्गा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर मां के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे। जगह-जगह विशेष पूजन, आरती और भजन संध्याओं का आयोजन किया गया। भक्ति संगीत और “जय माता दी” के नारों से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। कई स्थानों पर धार्मिक झांकियां और शोभायात्राएं भी निकाली गईं।

भक्तों का मानना है कि मां स्कंदमाता की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। परिवार के कल्याण और संतान की दीर्घायु के लिए आज विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं।

अब नवरात्रि के चार दिन शेष हैं, जिनमें मां दुर्गा के अन्य स्वरूपों – कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री – की उपासना की जाएगी। श्रद्धालु मां की आराधना में लीन होकर इन पवित्र दिनों को पूर्ण आस्था और उत्साह से मना रहे हैं।

मंदिरों और पंडालों में रोशनी, फूलों और रंगों से विशेष सजावट की गई है और हर तरफ देवी भक्ति की गूंज सुनाई दे रही है।

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