रांची, 26 सितंबर – झारखंड में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर चल रहे विवाद पर आज झारखंड हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह 31 मार्च 2026 तक अनिवार्य रूप से शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) का आयोजन करे। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने फिलहाल नई शिक्षक भर्तियों पर रोक लगा दी है।
आदेश की मुख्य बातें
अदालत ने कहा कि झारखंड में लंबे समय से TET परीक्षा नहीं कराई गई है, जिससे लाखों अभ्यर्थी परेशान हैं।
न्यायालय ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि 31 मार्च 2026 तक किसी भी हालत में JTET आयोजित किया जाए।
जब तक TET परीक्षा नहीं होती, तब तक नई भर्ती प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
पहले से नियुक्त किए गए सहायक अध्यापकों पर इस आदेश का असर नहीं होगा।
क्यों ज़रूरी है TET?
शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक नियुक्ति के लिए अनिवार्य योग्यता माना गया है।
झारखंड में कई वर्षों से यह परीक्षा आयोजित नहीं हो रही थी।
इस वजह से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अधिकतम आयु सीमा पार कर चुके हैं और नियुक्ति की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई थी।
अभ्यर्थियों की दलील
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में कहा कि –
बिना TET के सरकार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर पा रही है।
कई योग्य उम्मीदवार उम्र सीमा पार कर चुके हैं, जिससे उनके सपनों पर पानी फिर रहा है।
सरकार की लापरवाही के कारण शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
हाईकोर्ट की नाराज़गी
सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार की ओर से TET न कराने को गंभीर लापरवाही बताया। अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि –
“सरकार को शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए, लेकिन वर्षों से TET न कराना भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”
अब आगे क्या होगा?
झारखंड सरकार को मार्च 2026 तक TET परीक्षा पूरी करनी ही होगी।
उसके बाद ही नए शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
फिलहाल जिन उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला है, उनकी प्रक्रिया भी रोक दी गई है।
शिक्षा विभाग अब इस दिशा में नया परीक्षा कैलेंडर जारी करने की तैयारी करेगा।
शिक्षा जगत और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि अब उनके भविष्य को लेकर उम्मीदें फिर से जगी हैं।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस आदेश से झारखंड में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित होगी।
हालांकि फिलहाल भर्ती पर लगी रोक से उन उम्मीदवारों को निराशा हुई है, जो नियुक्ति की प्रतीक्षा में थे।
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