राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रथम परिवार यानी लालू यादव और राबड़ी देवी के घर में संजय यादव को लेकर झगड़ा बढ़ गया है। तेजस्वी यादव के सलाहकार और पार्टी के सांसद संजय यादव के खिलाफ लालू की लाडली बेटी रोहिणी आचार्या ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया।
विवाद की शुरुआत तब हुई, जब तेजस्वी यादव की यात्रा बस में रोहिणी की सीट पर संजय यादव बैठे। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया कि रोहिणी अब किसके भरोसे खुलकर सामने आई हैं।
रोहिणी की सफाई और पोस्ट
रोहिणी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए, जिनमें उन्होंने कहा:
“जो जान हथेली पर रखकर कुर्बानी देते हैं, उनकी लहू में बेखौफी, बेबाकी और खुद्दारी बहती है। मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन आत्मसम्मान सर्वोपरि है।”
इन पोस्ट के माध्यम से रोहिणी ने साफ किया कि उनका मुद्दा संजय यादव और सिस्टम से है, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से।
तेज प्रताप-रोहिणी और संजय का राजनीतिक नाटक
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि तेज प्रताप यादव के परिवार और पार्टी से बाहर किए जाने के बाद रोहिणी का कदम नई हलचल ला रहा है।
तेज प्रताप यादव ने संजय यादव को पार्टी और परिवार का ‘जयचंद’ बताया था।
तेजस्वी का पूरा सिस्टम अब संजय के इर्द-गिर्द चलता है, और विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण जैसी जिम्मेदारियां भी उनके नियंत्रण में हैं।
लालू परिवार के कुछ सदस्य इस स्थिति को लेकर बेचैनी महसूस कर रहे हैं।
रोहिणी का राजनीतिक वजन
जिस तरह तेज प्रताप यादव को राबड़ी देवी का लाडला माना जाता है, उसी तरह रोहिणी लालू की सबसे लाडली बेटी मानी जाती हैं।
13 सितंबर को तेज प्रताप ने अपने आवास पर राघोपुर से आए बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन देने का वीडियो पोस्ट किया।
रोहिणी ने इस पोस्ट को साझा किया, जबकि तेज प्रताप परिवार से औपचारिक रूप से बाहर हैं।
तेज प्रताप और संजय यादव के बीच पुरानी अदावत भी रही है।
इससे साफ है कि रोहिणी ने संजय यादव के सिस्टम को चुनौती दी है, और अब सवाल उठ रहा है कि लालू परिवार में उनके पीछे कौन खड़ा है।
निष्कर्ष
आरजेडी के भीतर यह परिवारिक और राजनीतिक टकराव अब खुलकर सामने आ गया है।
सवाल यह है कि क्या तेजस्वी यादव संजय यादव को बचा पाएंगे, या रोहिणी का कदम पार्टी और परिवार में नई समीकरण गढ़ देगा।
राजनीतिक गलियारों में अब हर आंख इस विवाद की तरफ है, और आने वाले दिनों में आरजेडी के भीतर की सियासी हलचल और तेज होने की संभावना जताई जा रही है।
Views: 37