दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) गुरुवार को रणभूमि बन गया। उपस्थिति और इंटरनल परीक्षा को लेकर भड़के छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सुबह से ही छात्रों ने ओपीडी सेवा ठप करा दी और जोरदार नारेबाजी करने लगे।
सबसे बड़ा बवाल तब हुआ जब गुस्साए छात्रों ने प्राचार्य डॉ. अलका झा को उनके ही कार्यालय में करीब पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा। अंदर हंगामा हुआ और बाहर कॉलेज की सेवाएं ठप पड़ गईं।
छात्रों का आरोप है कि वे रोजाना बायोमेट्रिक मशीन पर हाज़िरी दर्ज करते हैं, लेकिन कॉलेज प्रशासन जानबूझकर रजिस्टर में उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं करता। इसके चलते कई छात्रों को इंटरनल और यूनिवर्सिटी परीक्षा में बैठने से रोका जा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही सिटी एसपी अशोक कुमार चौधरी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। अंत में काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने छात्रों को समझा-बुझाकर कॉलेज खाली कराया और प्राचार्य को मुक्त कराया।
इस बीच, हालात से परेशान होकर प्रो. इंचार्ज (स्टूडेंट्स सेक्शन) डॉ. हरि दामोदर सिंह ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इसमें एंटी-रैगिंग सेल की जिम्मेदारी भी शामिल है।
👉 अब सवाल उठ रहा है कि छात्रों की यह नाराजगी किस हद तक जायज़ है और क्या कॉलेज प्रशासन वाकई उपस्थिति में गड़बड़ी कर रहा है, या फिर मामला कहीं और गहरा है?
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